जब कोई व्यक्ति अपनी पत्नी को अपने ऊपर हराम कर ले, तो उसे कुछ नहीं माना जाएगा। वह यह आयत भी पढ़ते थेः {لقد كان لكم في رسول الله أُسْوَةٌ حَسَنَةٌ} (अर्थात तुम्हारे लिए अल्लाह के रसूल में उत्तम आदर्श है।)...

Scan the qr code to link to this page

हदीस
व्याख्या
अनुवादों को प्रदर्शित करें
श्रेणियाँ
अधिक
अब्दुल्लाह बिन अब्बास (रज़ियल्लाहु अंहुमा) से वर्णित है कि वह कहा करते थेः जब कोई व्यक्ति अपनी पत्नी को अपने ऊपर हराम कर ले, तो उसे कुछ नहीं माना जाएगा। वह यह आयत भी पढ़ते थेः {لقد كان لكم في رسول الله أُسْوَةٌ حَسَنَةٌ} (अर्थात तुम्हारे लिए अल्लाह के रसूल में उत्तम आदर्श है।) [अल-अहज़ाबः 21]
सह़ीह़ - इसे बुख़ारी ने रिवायत किया है।

व्याख्या

श्रेणियाँ

सफलतापूर्वक भेजा गया